आघुर्ण (Torque) एवं अश्वशक्ति (Horse Power)

 आघुर्ण (Torque) एवं अश्वशक्ति (Horse Power) 

इससे पहले के कुछ ब्लॉग में हम कार्य, शक्ति ऊर्जा के ऊपर चर्च कर चुके हैं, जिन्होंने वो ब्लोग्स नहीं पढ़े है वे निचे लिखी लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते है।
पिछले ब्लॉग में हमने चर्चा की थी कि आपके लिए कौनसी कार बेहतर होगी जिसमे कुछ प्रश्न पूछे गए थे कि  कार में टार्क एवं बीएचपी का क्या काम है.
इस ब्लॉग में हम टार्क एवं बीएचपी के फंडामेंटल्स पर चर्चा करेंगे

टार्क : टार्क वह बल होता है जो किसी वस्तु को घूमाने का प्रयास करता है इसी लिए इसे आघूर्ण बल कहते है
जैसे लीनियर मोशन में फोर्स (बल) का महत्त्व है वैसे ही किसी भी घूर्ण गति (रोटरी  मोशन)में टार्क का महत्व है।  चूँकि या किसी भी वस्तु को एक निश्चित एक्सिस के रेस्पेक्ट में घुमाता है अतः एक्सिस से जितनी दुरी (रेडियस) पर बल लगता है, टार्क उस दूरी एवं उस बल के गुणन के बराबर होता है।
T =FxR
F- टेंजेंसिअल फ़ोर्स (किसी भी बिंदु पर गति की दिशा में लगने वाला बल )
R -घूमने वाली वस्तु ( शाफ्ट) के पेरिफेरी की उसके अक्ष से दूरी सिम्पली रेडियस (कार के व्हील के टर्म में समझे तो व्हील के एक्सेल का रेडियस)
यह इन्सटैंटेनियस फ़ोर्स  होता है जो व्हील को तुरंत गति प्रदान करता है। भारी वजन ढोने वाले वाहनों में हमेशा लो आरपीएम पर अधिक टार्क डिसाइन किया जाता है। इसके लिए गियर रेशियो कम रखा जाता है। याने गियर बॉक्स में ड्राइवर गियर की दातो से ड्रिवेन गियर के दातो की संख्या बहुत अधिक नहीं रखी जाती।



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